मानवता की मिसाल...
सैफ़ी हिंदुस्तानी ने फिर पेश की मानवता के साथ साथ साम्प्रदायिक सौहार्द की मिसाल
रोज़ा तोड़ सैफ़ी हिंदुस्तानी ने रक्तदान कर बचाई हिन्दू महिला की जान
शामली। मानवता हर धर्म से ऊपर होती है अभी के दौर में जब कई लोग जाति और धर्म के नाम पर नफरत फैला रहे हैं, साम्प्रदायिक सदभाव बिगाड़ने के लिए हर हथकंडे अपना रहे हैं। वहीं कई ऐसे भी लोग हैं जो समाज को जाति और धर्म से ऊपर उठकर मानवता का पाठ पढ़ाने में लगे हैं। शामली नगर के युवा समाजसेवी मोहम्मद आबिद सैफ़ी जोकि सैफ़ी हिंदुस्तानी नाम से जाने जाते है ने भी कुछ ऐसा ही करते हुए अपने ही शहर के मोहल्ला काका नगर की एक हिन्दू महिला की जान बचाने के लिए पवित्र रमजान माह का रोजा तोड़ कर रक्तदान किया।
दरअसल आपको बतादें जय हिंद ब्लड ग्रुप शामली के नाम से एक व्हाट्सएप में ग्रुप एडमिन सन्दीप कुमार गोयल के द्वारा सूचना मिली के एक डोली नाम की गर्भवती महिला शामली के ज्योति नर्सिंग होम में भर्ती है उसे दो यूनिट ब्लड की अति आवश्यकता है। उक्त महिला के पति डायबिटीज से पीड़ित हैं, जिस समय सूचना व्हाट्सएप पर पड़ी उसके मात्र पांच मिनट बाद ग्रुप में मौजूद सदस्य आबिद सैफ़ी ने रिप्लाई दिया कि मैं रक्तदान हेतु तैयार हूँ।
पवित्र माह रमज़ान में आबिद सैफ़ी ने पहले रोज़ा तोड़ा उसके बाद शहर के एक ब्लड बैंक में जाकर रक्तदान किया।
उक्त महिला के पति एडवोकेट रूपेश कुमार ने आबिद सैफ़ी को फोन कर आभार जताया।
वही आबिद सैफ़ी ने कहा कि किसी अंजान व्यक्ति को ब्लड डोनेट करने में जो रूहानी शुकुन मिलता है शायद ही कही और मिलता हो...
साथ मे जो बेशकीमती दुआए मिलती है उनका तो क्या कहना,
लॉकडाउन के चलते माहे रमज़ान के पाक़ महीने में 26 वीं मर्तबा अल्लाह ने मुझसे ये काम लिया उसके लिए अल्लाह का लाख लाख शुक्र है।
सैफ़ी हिंदुस्तानी ने फिर पेश की मानवता के साथ साथ साम्प्रदायिक सौहार्द की मिसाल
रोज़ा तोड़ सैफ़ी हिंदुस्तानी ने रक्तदान कर बचाई हिन्दू महिला की जान
शामली। मानवता हर धर्म से ऊपर होती है अभी के दौर में जब कई लोग जाति और धर्म के नाम पर नफरत फैला रहे हैं, साम्प्रदायिक सदभाव बिगाड़ने के लिए हर हथकंडे अपना रहे हैं। वहीं कई ऐसे भी लोग हैं जो समाज को जाति और धर्म से ऊपर उठकर मानवता का पाठ पढ़ाने में लगे हैं। शामली नगर के युवा समाजसेवी मोहम्मद आबिद सैफ़ी जोकि सैफ़ी हिंदुस्तानी नाम से जाने जाते है ने भी कुछ ऐसा ही करते हुए अपने ही शहर के मोहल्ला काका नगर की एक हिन्दू महिला की जान बचाने के लिए पवित्र रमजान माह का रोजा तोड़ कर रक्तदान किया।
दरअसल आपको बतादें जय हिंद ब्लड ग्रुप शामली के नाम से एक व्हाट्सएप में ग्रुप एडमिन सन्दीप कुमार गोयल के द्वारा सूचना मिली के एक डोली नाम की गर्भवती महिला शामली के ज्योति नर्सिंग होम में भर्ती है उसे दो यूनिट ब्लड की अति आवश्यकता है। उक्त महिला के पति डायबिटीज से पीड़ित हैं, जिस समय सूचना व्हाट्सएप पर पड़ी उसके मात्र पांच मिनट बाद ग्रुप में मौजूद सदस्य आबिद सैफ़ी ने रिप्लाई दिया कि मैं रक्तदान हेतु तैयार हूँ।
पवित्र माह रमज़ान में आबिद सैफ़ी ने पहले रोज़ा तोड़ा उसके बाद शहर के एक ब्लड बैंक में जाकर रक्तदान किया।
उक्त महिला के पति एडवोकेट रूपेश कुमार ने आबिद सैफ़ी को फोन कर आभार जताया।
वही आबिद सैफ़ी ने कहा कि किसी अंजान व्यक्ति को ब्लड डोनेट करने में जो रूहानी शुकुन मिलता है शायद ही कही और मिलता हो...
साथ मे जो बेशकीमती दुआए मिलती है उनका तो क्या कहना,
लॉकडाउन के चलते माहे रमज़ान के पाक़ महीने में 26 वीं मर्तबा अल्लाह ने मुझसे ये काम लिया उसके लिए अल्लाह का लाख लाख शुक्र है।
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