ऊपर से लेकर प्रशासनिक अधिकारी शहीदों के प्रति घोर उदासीनता, दिखा रहे हैं , 2016 से संघर्ष कर रही संस्था आप और हम राष्ट्रीय भ्रष्टाचार अपराध मुक्ति संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बी एस बेदी के चार वर्ष संघर्ष के बाद हाथ लगी निराशा संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी एस बेदी ने वर्ष 2016 में उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में खेरेश्वर नेशनल हाइवे चौराह को शहीद क्रांतिकारी सरदार भगत सिंह के नाम रखने व भगत सिंह , राजगुरु , सुखदेव की प्रतिमा लगाने की मांग का प्रस्ताव केंद्र सरकार के वरिष्ठ कैबनेट मंत्री मा नितिन गड़कारी व प्रदेश सरकार , व अलीगढ़ प्रशासनिक अधिकारियों के समक्ष रखा था। मगर आज 2020 में पूरे चार वर्ष होने के बाद खेरेश्वर नेशनल हाइवे चौराहे को शहीद क्रांतिकारी
सरदार भगत सिंह के नाम पर नही रखा गया। और अलीगढ़ जिले के मंडलायुक्त से और वर्ष 27,अगस्त,2016 को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया। और वर्ष 3,सितंबर,2016 को नितिन गडकरी कैबिनेट मंत्री को ज्ञापन के माध्यम से अवगत करवाया , जिसमें वर्ष 19,जुलाई ,2016 को ज्ञापन के जवाब में दो वर्ष बाद अग्रिम कार्यवाही के लिये केंद्रीय मंत्री के यहां से पत्र को अग्रिम कार्यवाही के लिए संयुक्त सचिव नेशनल हाईवे को भेजा उसके बाद कोई कार्य में प्रगति नहीं हुई तो फिर श्री बेदी ने मा मंत्री जी को शहीदों के कार्य कराने को लेकर पत्र भेजा तो फिर दो वर्ष बाद अग्रिम कार्यवाही नेशनल हाइवे अध्यक्ष तक पहुंची , अब तक 4 वर्ष गुजर रहे हैं
क्रांतिकारियों के कार्य को एक कचरे के डिब्बे में बंद कर दिया इस से अंदाज लगाया जा सकता है देश में कितना सम्मान है हमारे क्रांतिकारियों का , जिन्होंने अपनी जान की परवाह किए बगैर बलिदान दे गए , और आज उन्हीं के देश में उनके लिए स्थान नहीं अगर क्रांतिकारी अपना बलिदान नहीं देते तो आज जो उच्च कुर्सी पर बैठे है वह अंग्रेजों के घरों का कार्य कर रहे होते , सरकार व प्रदेश सरकार के आला अधिकारियों सहित सभी को बार बार अवगत कराया। मगर प्रशासन भूल चुका है। और चौकाने वाली बात तो यह है। कि खेरेश्वर नेशनल हाइवे चौराहे को शहीद क्रांतिकारी सरदार भगत सिंह के नाम रखने में अलीगढ़ जिले के अपर जिला अधिकारी
राम निवास शर्मा ने वर्ष 19,4,2019 तहसील कोल में पैमाइश के आदेश भी दिये। मगर आज 2020 में इस मामले को पूरे चार साल हो गये। उनके आदेशों की अहवेलना की धज्जियां अलीगढ़ उपजिलाधिकारी ने उड़ाई , और आज तक चौराह की जांच रिपोर्ट नहीं सौंपी, मामले को प्रशासन की नाकामी कहें या क्रांतिकारियों के प्रति उदासीनता, । अपने रक्त से सींचने वाले देश के नोजवान शहीद क्रांतिकारियों के बलिदान को जो कि आज उन क्रांतिकारियों की ही देन है। आज हम सभी देश में खुली साँस ले रहे है। और अंग्रेज़ो की गुलामी से आजाद भारत में है, क्या उन क्रांतिकारियों के बलिदान का यही सिला मिला है। संस्था आप और हम राष्ट्रीय भ्रष्टाचार अपराध
मुक्ति संगठन , प्रशासन व केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार से यह माँग करती अा रही है। कि जब इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज हो सकता है। तो उनके नाम पर क्यों नहीं, और क्यों देरी, जिन्होंने अपने देश के लिये अपने प्राण न्यौछावर कर दिये। सभी क्रांतिकारियों के सम्मान में देश के सभी चौराहों के नामो का पुनः नामकरण क्रांतिकारियों के नाम पर करने की मांग बी एस बेदी के नेतृत्व में संस्था करती अा रही है इसी क्रम में अलीगढ़ की धनीपुर हवाई पट्टी को क्रांतिकारी अशफाक उल्ला खां जी के नाम पर रखने की 9/8/218 में क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद जी के नाम के लिए
4/3/20 को मा मुख्यमंत्री जी से इलाहाबाद बमरौली एयर पोर्ट और उत्तर प्रदेश प्रस्तावित जेवर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट क्रांतिकारी सरदार ऊधम सिंह जी के नाम पर 21/7/2017 में भारत सरकार उड्डयन मंत्रालय से की इस को लेकर 7/6/019
को मा प्रधान मंत्री जी , मा मुख्यमंत्री जी उत्तर प्रदेश महामहिम राज्यपाल जी उत्तर प्रदेश , मा उड्डयन मंत्री भारत सरकार , माननीय उड्डयन मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार माननीय विधानसभा अध्यक्ष उत्तर प्रदेश सरकार, माननीय विधान परिषद सभापति उत्तर प्रदेश सरकार , माननीय नेता प्रतिपक्ष विधानसभा उत्तर प्रदेश, माननीय नेता प्रतिपक्ष विधान परिषद उत्तर प्रदेश , माननीय लोकसभा अध्यक्ष भारत
सरकार, महामहिम राष्ट्रपति जी भारत सरकार , महामहिम उपराष्ट्रपति जी भारत सरकार , और सभी राजनीतिक पार्टियों के राष्ट्रीय अध्यक्षों को उत्तर प्रदेश के प्रस्तावित जेवर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट व क्रांतिकारियों की मांगों को लेकर हर जगह ज्ञापन पत्र भेजे गए
अफसोस आज तक उन मांगों पर सरकार की ओर से कोई अमल नहीं किया गया ना ही कोई नेता प्रतिपक्ष क्रांतिकारियों के समर्थन में आगे आया
फिर भी संस्था मरते दम तक क्रांतिकारियों के सम्मान की लड़ाई लड़ती रहेगी
जय हिंद जय भारत, इंकलाब जिंदाबाद ताहनाह शाही मुर्दाबाद
एक देश , एक जाति भाषा अनेक, देश में समानता हो एक,
🌹🌹🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🌹🌹🌹🇮🇳🇮🇳 बी एस बेदी राष्ट्रीय अध्यक्ष संस्था आप और हम राष्ट्रीय भ्रष्टाचार अपराध मुक्ति संगठन( रजि .) भारत सरकार
सरदार भगत सिंह के नाम पर नही रखा गया। और अलीगढ़ जिले के मंडलायुक्त से और वर्ष 27,अगस्त,2016 को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया। और वर्ष 3,सितंबर,2016 को नितिन गडकरी कैबिनेट मंत्री को ज्ञापन के माध्यम से अवगत करवाया , जिसमें वर्ष 19,जुलाई ,2016 को ज्ञापन के जवाब में दो वर्ष बाद अग्रिम कार्यवाही के लिये केंद्रीय मंत्री के यहां से पत्र को अग्रिम कार्यवाही के लिए संयुक्त सचिव नेशनल हाईवे को भेजा उसके बाद कोई कार्य में प्रगति नहीं हुई तो फिर श्री बेदी ने मा मंत्री जी को शहीदों के कार्य कराने को लेकर पत्र भेजा तो फिर दो वर्ष बाद अग्रिम कार्यवाही नेशनल हाइवे अध्यक्ष तक पहुंची , अब तक 4 वर्ष गुजर रहे हैं
क्रांतिकारियों के कार्य को एक कचरे के डिब्बे में बंद कर दिया इस से अंदाज लगाया जा सकता है देश में कितना सम्मान है हमारे क्रांतिकारियों का , जिन्होंने अपनी जान की परवाह किए बगैर बलिदान दे गए , और आज उन्हीं के देश में उनके लिए स्थान नहीं अगर क्रांतिकारी अपना बलिदान नहीं देते तो आज जो उच्च कुर्सी पर बैठे है वह अंग्रेजों के घरों का कार्य कर रहे होते , सरकार व प्रदेश सरकार के आला अधिकारियों सहित सभी को बार बार अवगत कराया। मगर प्रशासन भूल चुका है। और चौकाने वाली बात तो यह है। कि खेरेश्वर नेशनल हाइवे चौराहे को शहीद क्रांतिकारी सरदार भगत सिंह के नाम रखने में अलीगढ़ जिले के अपर जिला अधिकारी
राम निवास शर्मा ने वर्ष 19,4,2019 तहसील कोल में पैमाइश के आदेश भी दिये। मगर आज 2020 में इस मामले को पूरे चार साल हो गये। उनके आदेशों की अहवेलना की धज्जियां अलीगढ़ उपजिलाधिकारी ने उड़ाई , और आज तक चौराह की जांच रिपोर्ट नहीं सौंपी, मामले को प्रशासन की नाकामी कहें या क्रांतिकारियों के प्रति उदासीनता, । अपने रक्त से सींचने वाले देश के नोजवान शहीद क्रांतिकारियों के बलिदान को जो कि आज उन क्रांतिकारियों की ही देन है। आज हम सभी देश में खुली साँस ले रहे है। और अंग्रेज़ो की गुलामी से आजाद भारत में है, क्या उन क्रांतिकारियों के बलिदान का यही सिला मिला है। संस्था आप और हम राष्ट्रीय भ्रष्टाचार अपराध
मुक्ति संगठन , प्रशासन व केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार से यह माँग करती अा रही है। कि जब इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज हो सकता है। तो उनके नाम पर क्यों नहीं, और क्यों देरी, जिन्होंने अपने देश के लिये अपने प्राण न्यौछावर कर दिये। सभी क्रांतिकारियों के सम्मान में देश के सभी चौराहों के नामो का पुनः नामकरण क्रांतिकारियों के नाम पर करने की मांग बी एस बेदी के नेतृत्व में संस्था करती अा रही है इसी क्रम में अलीगढ़ की धनीपुर हवाई पट्टी को क्रांतिकारी अशफाक उल्ला खां जी के नाम पर रखने की 9/8/218 में क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद जी के नाम के लिए
4/3/20 को मा मुख्यमंत्री जी से इलाहाबाद बमरौली एयर पोर्ट और उत्तर प्रदेश प्रस्तावित जेवर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट क्रांतिकारी सरदार ऊधम सिंह जी के नाम पर 21/7/2017 में भारत सरकार उड्डयन मंत्रालय से की इस को लेकर 7/6/019
को मा प्रधान मंत्री जी , मा मुख्यमंत्री जी उत्तर प्रदेश महामहिम राज्यपाल जी उत्तर प्रदेश , मा उड्डयन मंत्री भारत सरकार , माननीय उड्डयन मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार माननीय विधानसभा अध्यक्ष उत्तर प्रदेश सरकार, माननीय विधान परिषद सभापति उत्तर प्रदेश सरकार , माननीय नेता प्रतिपक्ष विधानसभा उत्तर प्रदेश, माननीय नेता प्रतिपक्ष विधान परिषद उत्तर प्रदेश , माननीय लोकसभा अध्यक्ष भारत
सरकार, महामहिम राष्ट्रपति जी भारत सरकार , महामहिम उपराष्ट्रपति जी भारत सरकार , और सभी राजनीतिक पार्टियों के राष्ट्रीय अध्यक्षों को उत्तर प्रदेश के प्रस्तावित जेवर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट व क्रांतिकारियों की मांगों को लेकर हर जगह ज्ञापन पत्र भेजे गए
अफसोस आज तक उन मांगों पर सरकार की ओर से कोई अमल नहीं किया गया ना ही कोई नेता प्रतिपक्ष क्रांतिकारियों के समर्थन में आगे आया
फिर भी संस्था मरते दम तक क्रांतिकारियों के सम्मान की लड़ाई लड़ती रहेगी
जय हिंद जय भारत, इंकलाब जिंदाबाद ताहनाह शाही मुर्दाबाद
एक देश , एक जाति भाषा अनेक, देश में समानता हो एक,
🌹🌹🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🌹🌹🌹🇮🇳🇮🇳 बी एस बेदी राष्ट्रीय अध्यक्ष संस्था आप और हम राष्ट्रीय भ्रष्टाचार अपराध मुक्ति संगठन( रजि .) भारत सरकार
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