Monday, August 31, 2020

विवेक कुमार पाण्डेय बने जिला अध्यक्ष , लखीमपुर खीरी


 बड़े हर्ष के साथ अवगत कराया जाता है  तेजी से देश में क्रांतिकारियों के सम्मान में बढ़ते कदम , क्रांतिकारी संगठन, आप और हम राष्ट्रीय भ्रष्टाचार अपराध मुक्ति संगठन  के राष्ट्रीय अध्यक्ष मा श्री बी एस बेदी ने दिनांक 31/8/20    निवासी मझगई फॉरेस्ट जिला लखीमपुर खीरी उत्तर प्रदेश के रहने वाले श्री विवेक कुमार पाण्डेय को , संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष मा श्री बी एस बेदी ने  जिला लखीमपुर खीरी का जिला अध्यक्ष के पद पर मनोनीत किया है  श्री पाण्डेय के आने से  समस्त भारत में क्रांतिकारियों को शहीद का दर्जा और भारत रत्न देने की चलाई जा रही मुहिम को जनशक्ति बल मिलेगा 

साथ ही श्री बेदी ने एक महीने में जिले की कमेटी गठित करने का निर्देश दिया ,और उनके उज्जवल भविष्य की कामनाएं की 

सभी वरिष्ठ पदाधिकारियों ने नवनियुक्त जिला अध्यक्ष को हार्दिक शुभकामनाएं दी

सभी वरिष्ठ पदाधिकारियों ने नवनयुक्त पदाधिकारी को हार्दिक शुभकामनाएं दी 

 मा बी एस बेदी राष्ट्रीय अध्यक्ष, मा ज़मीर आलम राष्ट्रीय सलाहकार, , , मा सरदार कंवल प्रीत सिंघ राष्ट्रीय सचिव,   मा,  विजय कुमार गौतम प्रदेश अध्यक्ष दिल्ली , श्री कपिल वर्मा वरिष्ठ महासचिव दिल्ली , श्री सेवनाथ प्रदेश संगठन मंत्री  हरियाणा   सरदार मनमिंदर सिंघ उत्तर प्रदेश संरक्षक ,श्री मनोज कुमार मिश्रा उत्तर प्रदेश प्रभारी , श्री सुनील कुमार टैगोर उत्तर प्रदेश महासचिव, श्रीमती शालिनी कपूर उत्तर प्रदेश उपाध्यक्ष ,  आदि लोगों ने , 

जय हिन्द,इंकलाब जिंदाबाद।।।।।

Thursday, August 27, 2020

गांधी बनाम भगत सिंह , सरदार भगत सिंह की फाँसी गांधी की नैतिक हार'


आज़ादी के आंदोलन में  सरदार भगत सिंह के समय में दो प्रमुख धाराएं थीं. एक निश्चित रूप से महात्मा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस की धारा थी जो उस वक्त सबसे ज़्यादा प्रभावशाली और व्यापक पहुंच वाली थी.


दूसरी धारा क्रांतिकारियों की धारा थी जिसके एक प्रमुख नेता थे सरदार भगत सिंह. हालांकि इस धारा का आधार उतना व्यापक नहीं था जितना कि कांग्रेस का था लेकिन वैचारिक रूप से क्रांतिकारी बहुत ताकतवर थे.

इस दौरान कांग्रेस के गरमदल के नेता, बिपनचंद्र पॉल, लाला लाजपत राय और बालगंगाधर तिलक गुज़र चुके थे और नरमदल वालों का वर्चस्व था जिसकी पूरी लगाम गांधी के हाथ में थी. गांधी इस वक्त अपने दौर के चरम पर थे.

गांधी शांतिपूर्वक नैतिकता की लड़ाई लड़ रहे थे जो अंग्रेज़ों के लिए काफ़ी अच्छा था क्योंकि इससे उनकी व्यवस्था पर बहुत ज़्यादा असर नहीं पड़ता था पर मध्यमवर्गीय नेताओं की इस नैतिक लड़ाई का आम लोगों को भी बहुत लाभ नहीं मिलता था.

महात्मा गांधी गुजरात के थे. अहमदाबाद उस वक्त एक बड़ा मज़दूर केंद्र था. एक सवाल पैदा होता है कि वहाँ के हज़ारों-लाखों लोगों के लिए गांधी या पटेल ने कोई आंदोलन क्यों नहीं खड़ा किया. बल्कि कुछ अर्थों में गांधी ने वहाँ पैदा होते मज़दूर आंदोलन के लिए यही चाहा कि वो और प्रभावी न हो. मज़दूर आंदोलन में सक्रिय इंदुलाल याज्ञनिक जैसे कांग्रेसी नेता भी उपेक्षित ही रहे.

नेहरू थोड़ा-सा हटकर सोचते थे और ऐसे मॉडल पर काम करना चाहते थे जो व्यवस्था में बदलाव लाए पर इस मामले में वो कांग्रेस में अकेले ही पड़े रहे.

कांग्रेस और  सरदार भगत सिंह


 सरदार भगत सिंह की सबसे ख़ास बात यह थी कि वो कांग्रेस और गांधी के इस आंदोलन को पैने तरीके से समझते थे और इसीलिए उन्होंने कहा था कि कांग्रेस का आंदोलन आख़िर में एक समझौते में तब्दील हो जाएगा.

उन्होंने कहा था कि कांग्रेस 16 आने में एक आने के लिए संघर्ष कर रही है और उन्हें वो भी हासिल नहीं होगा.

गांधी का रास्ता पूँजीवादी रास्ता था. कई पूँजीवादी, पूँजीपति और ज़मींदार गांधी के आंदोलन में उनके साथ थे. भगत सिंह का रास्ता इससे बिल्कुल अलग क्रांतिकारी समाजवादी आंदोलन का रास्ता था.

इतनी छोटी उम्र में भी  सरदार भगत सिंह ने एक परिपक्व राजनीतिक समझ को सामने रखते हुए एक ज़मीन तैयार की जिससे और क्रांतिकारी पैदा हो सकें.सरदार  भगत सिंह के दौर में क़रीब 2000 किशोर क्रांतिकारियों के ख़िलाफ़ मामले दर्ज हुए थे.

गांधी ने  सरदार भगत सिंह के असेंबली पर बम फ़ेंकने के क़दम को 'पागल युवकों का कृत्य' करार दिया था. उधर  सरदार भगत सिंह को लगता था कि गांधी जिस तरीक़े से आज़ादी हासिल करना चाहते हैं वो सफल नहीं होगा.

एक ही बात के लिए, सरदार  भगत सिंह गांधी के सामर्थ्य को मानते थे और उनका आदर करते थे और वो बात थी गांधी की देश के अंतिम व्यक्ति तक पहुँच और प्रभाव.



जब 23 वर्ष के भगत सिंह शहीद हुए, उस वक्त गांधी जी की उम्र 62 वर्ष थी पर लोकप्रियता के मामले में भगत सिंह कहीं से कम नहीं थे. पट्टाभि सीतारमैया जैसे कांग्रेस के इतिहासकारों ने कहा है कि एक समय भगत सिंह की लोकप्रियता किसी भी तरह से गांधी से कम नहीं थी.

भगत सिंह युवाओं के बीच देशभर में ख़ासे लोकप्रिय हो रहे थे. ब्रिटेन में भी उनके समर्थन में प्रदर्शन हुए थे. भगत सिंह की यह बढ़ती हुई लोकप्रियता कांग्रेस को एक ख़तरे की तरह दिखाई देती थी.

कई इतिहासकारों के मुताबिक गांधी कभी नहीं चाहते थे कि हिंसक क्रांतिकारी आंदोलन की ताकत बढ़े और भगत सिंह को इतनी लोकप्रियता मिले क्योंकि गांधी इस आंदोलन को रोक नहीं सकते थे, यह उनके वश में नहीं था. इस मामले में गांधी और ब्रिटिश हुकूमत के हित एक जैसे था. दोनों इस आंदोलन को प्रभावी नहीं होने देना चाहते थे.

इस मामले में गांधी और इरविन के संवाद पर ध्यान देना होगा जो कि इतना नाटकीय है कि दोनों लगभग मिलजुलकर तय कर रहे हैं कि कौन कितना विरोध करेगा.

दोनों इस बात पर सहमत थे कि इस प्रवृत्ति को बल नहीं मिलना चाहिए. भेद इस बात पर था कि इरविन के मुताबिक फाँसी न देने से इस प्रवृत्ति को बल मिलता और गांधी कह रहे थे कि फाँसी दी तो इस प्रवृत्ति को बल मिलेगा.

भगत सिंह की फाँसी


गांधी ने अपने पत्र में इतना ही लिखा कि इनको फाँसी न दी जाए तो अच्छा है. इससे ज़्यादा ज़ोर उनकी फाँसी टलवाने के लिए गांधी ने नहीं दिया. भावनात्मक या वैचारिक रुप से गांधी यह तर्क नहीं करते हैं कि फाँसी पूरी तरह से ग़लत है.

गांधी ने इरविन के साथ 5 मार्च, 1931 को हुए समझौते में भी इस फाँसी को टालने की शर्त शामिल नहीं की. जबकि फाँसी टालने को समझौते का हिस्सा बनाने के लिए उनपर कांग्रेस के अंदर और देशभर से दबाव था.

अगर यह समझौता राष्ट्रीय आंदोलन के हित में हो रहा था तो क्या गांधी भगत सिंह के संघर्ष को राष्ट्रीय आंदोलन का हिस्सा नहीं मानते थे.

गांधी की बजाय सुभाषचंद्र बोस इस फाँसी के सख़्त ख़िलाफ़ थे और कांग्रेस में रहते हुए उन्होंने गांधी से परे जाकर इस फाँसी के विरोध में दिल्ली में 20 मार्च, 1931 को एक बड़ी जनसभा भी की.

इस सभा को रुकवाने के लिए इरविन ने गांधी को एक पत्र भी लिखा था कि इस सभा को रुकवाया जाए पर सुभाष चंद्र बोस गांधी के कहने से कहाँ रुकने वाले थे.

गांधी ने इस बातचीत के दौरान इरविन से यह भी कहा था कि अगर इन युवकों की फाँसी माफ़ कर दी जाएगी तो इन्होंने मुझसे वादा किया है कि ये भविष्य में कभी हिंसा का रास्ता नहीं अपनाएंगे. गांधी के इस कथन का भगत सिंह ने पूरी तरह से खंडन किया था.

असलियत तो यह है कि भगत सिंह हर हाल में फाँसी चढ़ना चाहते थे ताकि इससे प्रेरित होकर कई और क्रांतिकारी पैदा हों. वो कतई नहीं चाहते थे कि उनकी फाँसी रुकवाने का श्रेय गांधी को मिले क्योंकि उनका मानना था कि इससे क्रांतिकारी आंदोलन को नुकसान पहुँचता.

उन्होंने देश के लिए प्राण तो दिए पर किसी तथाकथित अंधे राष्ट्रवादी के रूप में नहीं बल्कि इसी भावना से कि उनके फाँसी पर चढ़ने से आज़ादी की लड़ाई को लाभ मिलता. इस मामले में मैं भगत सिंह को क्यूबा के क्रांतिकारी चे ग्वेरा के समकक्ष रखकर देखता हूँ. दोनों ही दुनिया के लिए अलग तरह के उदाहरण थे.

मेरे विचार में भगत सिंह की फाँसी जहाँ एक ओर गांधी और ब्रिटिश हुकूमत की नैतिक हार में तब्दील हुई वहीं यह भगत सिंह और क्रांतिकारी आंदोलन की नैतिक जीत भी बनी.

Thursday, August 20, 2020

कुदरत का नायाब तोहफा है ऑखें, जिससे सारी दुनिया की अच्छी व बुरी सभी चीजें देखी जा सकती है

ऑखें तो सभी प्राणियों में होती है लेकिन मनुय में इसका अलग ही महत्व है। मानव शरीर का सबसे कोमल अंग ऑखे होती है, इसलिए इनकी सुरक्षा भी बहुत जरूरी है। संसार की सारी वस्तुओं का परिचय हमारी ऑखे ही तो हमें देती है और इस रंग-बिरंगी  दुनिया का आंनद भी हम अपनी ऑखों के द्वारा ही उठा पाते है। बिना ऑखां के रंगां की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। आज मानव भागदौड की इस जिन्दगी में अपने इस कोमल अंग का ध्यान भी नहीं रख पाता है। उसे मालूम नहीं है कि ऑखें हमारे लिए कितनी उपयोगी है। नेत्रदान का हमारे जीवन में बहुत महत्व है, हमें अपने जीवन में नेत्रदान करना और करवाने के लिए लोगो को जागरूक करना चाहिए, क्योंकि जब आप इस दुनिया को अलविदा कहेगे तो आपके द्वारा दान की गई ऑखों से दो व्यक्तियों के जीवन में एक नई रोशनी होगी जिससे वह अपने अन्धकार रूपी जीवन से निकलकर आशा की किरण के साथ इस संसार को देख सकेगे और आप उनकी ऑखें बनकर इस दुनिया को फिर से देख सकेगे। उक्त उद्गार किरण नेत्रालय अस्पताल के तृतीय स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित ‘‘कोरोना  योद्धा  सम्मान  समारोह’’ कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि श्री अरविन्द संगल निवर्तमान चेयरमैन नगर पालिका परिद् द्वारा व्यक्त किये ।

‘‘कोरोना योद्धा सम्मान’’ कार्यक्रम के अवसर पर नगर पालिका परिद्

शामली के 5 सभासदों श्री विनोद तोमर, श्री महेश धीमान, श्री प्रमोद विश्वकर्मा, सभासद श्रीमती पूनम विश्वकर्मा, सभासद श्रीमती मालती गर्ग कोरोना योद्धा सम्मान पत्र अस्पताल के निवर्तमान चेयरमैन अरविन्द संगल ने द्वारा देकर सम्मानित किया। तत्पश्चात समाज के वरिठ वर्गो से, आर्य समाज से श्रीमती मंजू आर्य अध्यक्ष महिला मण्डल शामली, व्यापार मण्डल से श्रीमती नीतू वत्स जिलाध्यक्ष (महिला विंग) प0उ0प्र0 उद्योग व्यापार मण्डल शामली, लायनेस क्लब से श्रीमती अनिता बंसल अध्यक्ष लायनेस क्लब शामली दोआब, भाजपा अनुसूचित मोर्चा अध्यक्ष घनश्याम पारचा, हमारा परिवार शामली से डॉ0 हरिओम पाठक, भाजपा जिला महामंत्री पुनीत द्विवेदी, लोकेश वशिठ कृा वैज्ञानिक को अस्पताल के वरिठ चिकित्सक डॉ0 ऋिराज सिंह द्वारा सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर डॉक्टर ऋिराज सिंह ने बताया कि वर्तमान समय में बदलते लाइफ स्टाइल, अनियमित दिनचर्या, प्रदूण व मानसिक तनाव की अधिकता होने से अधिकांश लोग ऑखों से जुडी समस्याओं का सामना करते है, अगर मनुय की दिनचर्या ठीक हो तो ऑखों की दिक्कत से काफी हद तक बचा जा सकता है।  

कार्यक्रम का संचालन प्रमुख समाजसेवी श्री प्रतीक गर्ग जी द्वारा किया गया। कार्यक्रम में सभासद प्रतिनिधि अमित विश्वकर्मा, सभासद प्रतिनिधि रोबिन गर्ग, सुनील गोयल (रॉक गोल्ड), सचिन निर्वाल, राजीव निर्वाल, प्रमोद नामदेव, बादल गौतम आदि को कोरोना योद्धा सम्मान पत्र देकर, सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का समापन कार्यक्रम संयोजक श्री सुजीत चौहान द्वारा राट्रगीत कराकर किया गया। 

(सुजीत चौहान)

क्रार्यक्रम संयोजक,

कोरोना योद्धा सम्मान समारोह

Thursday, August 13, 2020

सरदार सुरिंदर सिंघ सरपंच, बने प्रदेश महासचिव ,पंजाब ,

 

बड़े हर्ष के साथ अवगत कराया जाता है  तेजी से देश में क्रांतिकारियों के सम्मान में बढ़ते कदम , क्रांतिकारी संगठन, आप और हम राष्ट्रीय भ्रष्टाचार अपराध मुक्ति संगठन  के राष्ट्रीय अध्यक्ष मा श्री बी एस बेदी ने दिनांक 13/8/20  को   वरिष्ठ समाज सेवी मौजूदा  ,सरपंच, सरदार सुरिंदर सिंघ पुत्र सरदार  बचन सिंघ   निवासी, गांव बाघोर, खन्ना लुधियाना पंजाब , को वरिष्ठ प्रदेश महासचिव के पद पर मनोनीत किया है ,   श्री बेदी ने कहा सरदार सुरिंदर सिंघ के आने से  समस्त भारत में क्रांतिकारियों को शहीद का दर्जा और भारत रत्न देने की चलाई जा रही मुहिम को पंजाब की धरती से  बल शक्ति मिलेगी क्योंकि पाजब की धरती  शहीदों की शहादत की धरती  रही है सबसे ज्यादा देश की आजादी में कुर्बानी देने वालों की सबसे लंबी लिस्ट का खिताब पंजाब के पास है 


विजय गौतम बने दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष

बड़े हर्ष के साथ अवगत कराया जाता है कि क्रांतिकारी संगठन , आप और हम राष्ट्रीय भ्रष्टाचार अपराध मुक्ति संगठन की क्रांतिकारियों के सम्मान में  राष्ट्रीय अध्यक्ष मा श्री बी एस बेदी जी के नेतृत्व में समस्त भारत में चलाई जा रही मुहिम से और जनहित में किए जा रहे कार्यों से प्रभावित होकर   संगठन में दिल्ली पश्चिमी, राजपुरा खुर्द निवासी  श्री विजय गौतम ने संगठन के दिल्ली के वरिष्ठ महासचिव श्री कपिल  वर्मा से संगठन में जुड़ने की इच्छा जताई थी ,  प्रदेश महासचिव की प्रस्तुति  पर संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष मा श्री बी एस बेदी ने संगठन के पदाधिकारियों में एक चुनाव प्रक्रिया कराई जिसमें 180 सदस्यों  ने वोटिंग की तीन दावेदारों मै  से 20 वोट से श्री विजय गौतम की जीत दर्ज   हुई जिसके आधार पर  राष्ट्रीय अध्यक्ष मा श्री बी एस बेदी ने विजय गौतम को दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष के पद के  मनोनीत किया है  

साथ ही नवन्यूक्त प्रदेश अध्यक्ष को  निर्देशित किया  कि 1 महीने में प्रदेश की कार्यकारणी गठित कर पदाधिकारियों की सूची उपलब्ध कराएं   

 सभी पदाधिकारियों। ने हार्दिक शुभकामनाएं देते उनके उज्जवल भविष्य की कामनाएं की 

 मा श्री बी एस बेदी राष्ट्रीय अध्यक्ष , मा श्री ज़मीर आलम राष्ट्रीय सलाहकार, मा श्री आर डी भाटी राष्ट्रीय प्रवक्ता, मा सरदार कंवलप्रीत सिंघ राष्ट्रीय सचिव, , श्री कपिल वर्मा दिल्ली प्रदेश वरिष्ठ महासचिव , श्री सेवनाथ  हरियाणा संगठन मंत्री   श्री मनोज मिश्रा उत्तर प्रदेश प्रभारी , श्रीमती शालिनी कपूर उत्तर प्रदेश उपाध्यक्ष   सरदार मनमिंदर  सिंह उत्तर प्रदेश संरक्षक , आदि ने

Monday, August 10, 2020

कुलदीप गौड बने विश्व हिन्दू महासंघ प्रदेश कार्यकारिणी में सदस्य

शामली। विश्व हिन्दू महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेशाध्यक्ष भिखारी प्रजापति ने प्रदेश कार्यकारिणी का गठन कर दिया है। कार्यकारिणी में शामली निवासी कुलदीप गौड को सदस्य मनोनीत किया गया है। उन्होंने कुलदीप गौड को संगठन को मजबूत करने के भी आदेश दिए हैं। जानकारी के अनुसार विश्व हिन्दू महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेशाध्यक्ष भिखारी प्रजापति ने प्रदेश कार्यकारिणी का गठन कर दिया है। प्रदेशाध्यक्ष ने शामली निवासी कुलदीप गौड को संगठन में सदस्य मनोनीत करते हुए उन्हें संगठन को मजबूत करने एवं सगठन की नीतियों का प्रचार प्रसार करने के आदेश दिए हैं। कुलदीप गौड के प्रदेश कार्यकारिणी में सदस्य मनोनीत होने पर समर्थकों ने उन्हें बधाई दी है।

Saturday, August 8, 2020

एम जी एफ एम इ कालेज पीरान कलियर में लिपिक श्री शकील हसन के सेवा निवृत्त होने पर एक विदाई समारोह का आयोजन किया गया

इस काय‌करम की अध्यक्षता जनाब सैय्यद इकबाल अहमद साबरी साहब ने की ‌सटाफ के शिक्षकों ने इस अवसर पर श्री शकील हसन को उपहार भेंट किते प्रधानाचार्य श्री जुल्फिकार ने अपने सम्बोधन में श्री शकील हसन के कार्यों की सराहना की और उन्हें एक योग्य कुशल ईमानदार और संस्था के प्रति वफादार कमचारी  बताया कार्यक्रम में अन्य सभी अध्यापकों एवं उपस्थित सम्मानित अतिथियों ने उनके कार्य की सराहना की और उनके स्वास्थ्य और दीर्घायु की कामना की  इस अवसर पर समिति के वरिष्ठ सदस्य चौधरी अय्यूब हसन  इक़बाल अहमद साबरी गुलाम साबिर डा मेहरबान  हाजी  ताहिर हसन तथा स्टाफ के सदस्य श्री प्रवीण कुमार मौ युनुस श्री पवन कुमार नीरज कुमार मोईनुद्दीन हसरत अली नोशाद अली अतामोहममद  सोनिया शाहिना एवं गांव सम्मानित व्यक्तियों ने भाग लिया

सरपंच के जन्मदिवस पर पेड़ लगाने की अपील होगी भारतीय संस्कृति जीवन्त- अनिल फौजी

नीमकाथाना। उपखंड के सिरोही गांव में जन हितेषी संस्था के नाम से सामाजिक जागृति लाने वाले भाई अनिल फौजी ने हाल ही में सोशल मीडिया के माध्यम से कहा है कि आगामी 10 अगस्त को सिरोही सरपंच जयप्रकाश कस्वा का जन्मदिन किसी उपहार या भेंट देकर मनाने की बजाए अपने घरों में पेड़ लगाकर मनाएं। अनिल फौजी ने कहा अब समय आ गया जबकि हमें अपनी संस्कृति को पुनर्जीवित करना चाहिए। जन्मदिवस पर केक काटना या मोमबत्ती बुझाना वह हमारी संस्कृति नहीं है अपितु पाश्चात्य संस्कृति का हिस्सा है। फौजी ने कहा बेशक गमलों में ही पेड़ लगाकर जन्मदिवस की खुशी का इजहार करें।

Thursday, August 6, 2020

नरेंद्र सिंह बने ,जिला सचिव मेरठ "आप और हम"

उत्तर प्रदेश दिनांक 6/8/20  जिला मेरठ के  श्री नरेन्द्र सिंह पुत्र श्री महेन्द्र सिंह  निवासी काशीराम आवासीय योजना  लोहिया नगर  ,। क्रांतिकारी संगठन आप और हम राष्ट्रीय भ्रष्टाचार अपराध मुक्ति संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष मा श्री बी एस बेदी के निर्देश पर   , उत्तर प्रदेश उपाध्यक्ष श्रीमती प्रीती शर्मा ने   श्री नरेन्द्र सिंह को मेरठ    के जिला सचिव के पद पर मनोनीत किया है , नवन्युक्त पदाधिकारी श्री नरेन्द्र सिंह ने हर्ष व्यक्त करते हुए कहा ए मेरा सौ भाग्य है मुझे  क्रांतिकारियों की मुहिम  को आगे बढ़ाने का  मौका राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बी एस बेदी जी ने दिया हम उनके मिशन को आगे  बढ़ाएंगे और अपने शहीदों को सम्मान दिलाएंगे   

सभी वरिष्ठ पदाधिकारियों ने हार्दिक शुभ कामनाएं दी  

 श्री बी एस बेदी राष्ट्रीय अध्यक्ष ,   श्री ज़मीर आलम राष्ट्रीय सलाहकार , श्री आर डी भाटी राष्ट्रीय प्रवक्ता, सरदार कंवलप्रीत सिंघ राष्ट्रीय सचिव श्री मनोज मिश्रा प्रदेश प्रभारी , श्रीमती शालिनी कपूर प्रदेश उपाध्यक्ष श्री मती  प्रीती शर्मा प्रदेश उपाध्यक्ष , श्री कपिल वर्मा दिल्ली प्रदेश महासचिव आदि ने

टूंडला सिख संगत की और से गुरुद्वारे में श्री राम मंदिर निर्माण की खुशी में गुरुद्वारा कमेटी की ओर से दीपमाला व कीर्तन दरबार का आयोजन किया गया जिसमें गुरुद्वारे के मुख्य पुजारी जी ने लख खुशियां पातशाहियां जे सतगुरु नदर करे सबद गायन करके संगत को निहाल किया

जिसमें  गुरुद्वारा सचिव सरदार मनमोहन सिंह जुल्का ने कहा सैकड़ों वर्ष से भारत वासियों के सपने को साकार माननीय श्री प्रधानमंत्री जी ने शिलान्यास करके भव्य  श्री राम मंदिर  निर्माण  कराकर देश को अनमोल 

तोहफा दिया है ,  आप और हम राष्ट्रीय भ्रष्टाचार अपराध मुक्ति संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बी एस बेदी ने कहा  प्रभु श्री राम की अयोध्या नगरी से दशमेश पिता श्री गुरु गोबिंद सिंह जी ने अपने अयोध्या नगरी में चरण पाए थे  माननीय प्रधानमंत्री जी ने देश वासियों को  एक अनमोल धरोहर दी है जिसका सभी देशवासी   सम्मान करें 

उपस्थित  सरदार मनमोहन सिंह जुल्का सचिव , बी एस बेदी राष्ट्रीय अध्यक्ष, सरदार मनप्रीत सिंह प्रधान गुरुद्वारा, प्रतिपाल सिंह लक्की, करनदीप सिंह ,हरपाल सिंह हैप्पी,  अमरजीत सिंह गोरे,साजन सिंह , सीमा, अन्नू ,मिठ्ठू भाई, मोनू, हरिओम , सरनजीत सिंह  तेजिंदर कौर  गोल्डी गुरूलीन कौर आदि

Saturday, August 1, 2020

भूमि शिला पूजन महोत्सव पर विश्व हिंदू महासंघ शामली जिला अध्यक्ष पण्डित महेश कुमार शर्मा ने सुंदर कांड का पाठ किया तथा

आज दिनांक01/08/2020 विश्व हिंदू महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष श्री भिखारी प्रजापति जी के निर्देश पर

अगामी 5 अगस्त श्री रामजन्म  भूमि शिला पूजन महोत्सव पर विश्व हिंदू महासंघ शामली  जिला अध्यक्ष पण्डित महेश कुमार शर्मा  ने सुंदर कांड का पाठ किया तथा

झिंझाना, कांधला,व  जनपद के गांव -कस्बो में सभी विश्व हिंदू महासंघ के पधाधिकारियों एवं सम्मानित कार्यकर्ताओं  द्वारा


अपने अपने निवास पर रहकर परिवार के साथ सुंदरकांड का पाठ किया।।

दिव्य योग संस्थान के स्थापना दिवस पर रक्तदान शिविर समाज को योग से जोडने का किया गया आहवान

शामली। दिव्य योग संस्थान ट्रस्ट का स्थापना दिवस शनिवार को धूमधाम के साथ मनाया गया। इस अवसर पर नगर पालिका में योग का अभ्यास किया गया तथा समाज को योग से जोडने का आहवान किया गया। स्थापना दिवस पर रक्तदान शिविर का भी आयोजन किया गया जिसमें साधकों ने बढ-चढकर भाग लिया। जानकारी के अनुसार शनिवार को दिव्य योग संस्थान ट्रस्ट का स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर नगर पालिका परिषद की ऊपरी मंजिल पर स्थित केन्द्र में योग का अभ्यास कराया गया।

योगाचार्यों ने ताडासन, भुजंगासन, सर्पासन, त्रिकोण आसन, श्वासन और प्राणायाम व ध्यान कराकर इससे होने वाले लाभों की जानकारी दी गयी। ट्रस्ट के स्थापना दिवस पर बुढाना रोड स्थित ब्लड बैंक एंड कम्पोनेंट सेंटर पर रक्तदान शिविर का भी आयोजन किया गया

जिसमें साधकों ने बढ-चढकर रक्तदान किया। ट्रस्ट के अध्यक्ष जितेन्द्र शर्मा ने कहा कि रक्तदान सबसे बडा महादान माना गया है, रक्तदान से हम किसी को नई जिंदगी दे सकते हैं। रक्तदान करने से शरीर में कोई नुकसान नहीं होता बल्कि शरीर कुछ ही दिनांे में रक्त की पूर्ति अपने आप कर लेता है। उन्होंने सभी लोगों से जरूरतमंदों के लिए रक्तदान करने की अपील की। मौके पर राजेश गुलाटी, रमेश बजाज, गिरीश गर्ग, अरविन्द मलिक, राजीव शर्मा, दीपक रुहेला, श्रवण कुमार, मनोज गोयल, अनिल, कमल त्यागी, मदन मोहन, अनुज कुमार खंडेलवाल, शिक्षा शर्मा, नीरा, सीमा, प्रज्ञा, परी, विदुषी आदि भी मौजूद रहे।

क्रांतिकारी सरदार ऊधम सिंघ के बलिदान पर , पी एम ,सीएम से लेकर सांसद ,विधायक जनप्रतिनिधि द्वारा श्रद्धांजलि न देना भारत का दुर्भाग्य,

जिस देश की आजादी मात्रभूमि के लिए   छोटी सी उम्र में देश के नाम कर ,अंग्रेजी बेड़ियों से मुक्त कर गए   आज देश वासी और सरकारों ने क्रांतिकारी वीरों को गुमनाम कर दिया   किसी शायर ने खूब लिखा था । कि ,
शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले, वतन पर मरने वालों का यही बाकी निशा होगा ,  ए पंकिती शहीदों के बलिदानों से रू बरू करातीं थी , सो आज किताबो  और अखबारों में छपने तक सिमट कर रह गई है   जुलाई के  महीने की अंतिम  तारीख तक देश को दो बड़े जाने माने  भारत की आजादी के योद्धा वीर क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद जी की जयंती और  भारत का जाबाज बब्बर शेर सिंघ उर्फ सरदार ऊधम सिंघ जी का बलिदान   दिवस निकल  गया अफसोस कहीं किसी अखबार में देश के किसी बड़े नेता से लेकर जिले के जनप्रतिनिधियों व प्रशासनिक अधिकारियों को  कहीं नहीं देखा गया की अपने कार्यालों पर या किसी छोटे से स्तर पर शहीद क्रांतिकारियों को   श्रद्धांजलि दी हो   प्रशासनिक अधिकारियों की तो बात दूर रही जो देश के मुखिया और राज्यों के जो मुखिया बने बैठे है  उनके मुखार बिंदु से  जयंती  और बलिदान दिवस पर  कहीं दो शब्द  नहीं सुने गए   चंद सामाजिक संगठन और देश भक्त सेवकों द्वारा   क्रांतिकारियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते देखा गया   31 जुलाई को सरदार ऊधम सिंघ जी का बलिदान दिवस पर कहीं कोई  अखबार में  शहीद का आर्टिकल किसी अखबार में नहीं छपा और  1 अगस्त  गांधी के 1920 के असहयोग आन्दोलन  का आर्टिकल गांधी जी की फोटो के साथ लगता  जो चोरा चोरी कांड   के कारण 1923  में असहयोग आन्दोलन को  बापू ने स्थगित करके , क्रांतिकारियों को चोट पहुंचाई,   जिस आंदोलन   को गति क्रांतिकारियों ने दी आज उन्ही के साथ उदासीनता सरकारों और स्वार्थी लोगों की  इसे भेद भाव नहीं कहेंगे  तो क्या कहेंगे जो ऊधम सिंघ जी के बलिदान दिवस के अगले ही दिन  अंग्रेजों के चापलूसों की फोटो असहयोग आन्दोलन के साथ छपती है , जिस योद्धा ने देश के हजारों बेगुनाह  भारतीयों की मौत का बदला इक्कीस वर्ष बाद  भारत से जा कर हत्यारे की सर जमी लंदन में घुस कर मौत के घाट उतारा और आज  उस वीर योद्धा के बलिदान दिवस पर देश का  कोई   बड़ा नेता  श्रद्धांजलि का संदेश देश को ना दे और ना ही उसका आर्टिकल किसी  अखबार में ना लगे  ये सबसे बड़ा शर्मसार का विषय है , क्या  अंग्रेजो की मानसिकता आज भी देश के नेताओ के अंदर  पनप रही है जो उसी सियासत के आधार पर चल रहे है उस वक्त भी क्रांतिकारियों  कोई सम्मान नहीं दिया जाता था और आज उनके बलिदान दिए जाने के बाद भी देश में सलूक किया जा रहा है 
आज इनको जाति मजहब के आधार पर देखा जाता है  ,  देश को आजादी मजहब धर्म देख कर नहीं मिली  एकता भाई चारा के साथ मिली है जो जीता जागता क्रांतिकारी मिसाइल है  उन वीरों की एकता  में इतना प्यार  झलकता था कि एक दूसरे पर जान लुटा ते थे , आज उन्हीं के देश में वीरों को बिखेर दिया  और शहीद का दर्जा तक नहीं दिया जा रहा
धीरे धीरे  स्कूलों की किताबों  से गायब होते जा रहे है ,   साथियों सियासत के गलियारों से बाहर निकल कर आयो   , और उन वीरों की शहादत को न भुलाओ जो देश और हम सब के  लिए गुलामी की जंजीरों से आजाद कर गए ,  उनके सम्मान में जाति मजहबी से हटकर  एक होकर आवाज दो हम एक है ,   यही आपकी एकता रंग लाएगी और क्रांतिकारियों के इतिहास को फिर से दोहराएगी,   ,जय हिन्द,
क्रान्तिकारियों के सम्मान में निरंतर 5 वर्षों से अधिक देश में इनको शहीद का दर्जा और भारत रत्न से सम्मानित की आव भारत सरकार से उठती आ रही है , और चंद्रशाखर आजाद जी के नाम पर  , उत्तर प्रदेश के प्रायगराज के बावतवपुर बमरौली  हवाई अड्डे और कानपुर चकेरी हवाई अड्डे का नाम रखने की मांग और उत्तर प्रदेश के प्रस्तावित जेवर अंतरराष्ट्रीय एयपोर्ट का नाम सरदार ऊधम सिंघ जी के नाम पर और अलीगढ़  धनीपुर हवाई पट्टी  का नाम अशफाक उल्ला खां के  नाम पर इसी तरह अन्य  क्रांतिकारियों के नाम पर महानगरों के चौराहों  की आदि मांगें विगत कई वर्षों से संगठन करता अा रहा है। आप सभी के समर्थन के सहयोग की  जरूरत है
इन्कलाब जिंदाबाद क्रांतिकारी अमर रहें
बी एस बेदी राष्ट्रीय अध्यक्ष , क्रांतिकारी संगठन  , आप और हम राष्ट्रीय भ्रष्टाचार अपराध मुक्ति संगठन