हिम्मत अभियान के कोऑर्डिनेटर डॉ अमित सक्सेना ने छात्राओं की माहवारी के समय होने वाली शारीरिक और सामाजिक समस्याओं का
समाधान किया। पेट दर्द, कमर दर्द, मंदिर न जाना, पूजा न करना जैसी रोक के पीछे के कारणों को समझाया और उनको एहसास कराया कि पीरियड्स शर्माने की नहीं बल्कि गर्व करने की बात है। अंत में सभी
छात्राओं को 'हिम्मत' सेनेटरी पैड्स देकर खुले में पैड्स लेने की हिम्मत प्रदान की गयी।
कार्यशाला में केअर एजुकेशनल ट्रस्ट की मैनेजर सीमा यादव, सत्यम यादव एवं सृजन फाउंडेशन की उपाध्यक्ष डॉ अर्चना सक्सेना उपस्थित रहे।
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