साथियों यह देश का दुर्भाग्य है , धरती मां जिसे हम भारत माता के नाम से ज्यादा पुकारते है , उस भारत मां को गुलामियों की बेड़ियों से मुक्त कराने के लिए , उस मां के कितने लालों ने , लहू बहाया और कितनो ने अपना बलिदान दिया , आज देश ने उन अमर वीर सपूतों को गुमनाम कर दिया , जिन लोगों ने सत्ता की चमक में एश ओ आराम की नबावी जिंदगी का सफर किया , अंग्रेजों के चाटुकार रहे , और देश की आजादी के बाद सत्ता का सुख भोगा ,, आज देश में ऐसे नेताओं के नाम पर 17 स्टेडियम है जो देश के प्रधान मंत्री रहे , इसे देश का दुर्भाग्य नहीं कहा जाए तो क्या कहेंगे , जिन्होंने देश और देश वासियों के लिए कांटों भरा सफर तय किया लाठियां , व सीने पर गोलियां खाई , और फांसी के फंदे चूमे ,और आज देश में उन्हें गुमनाम कर दिया , जिन्हें आजादी का मतलब नहीं पता, लाठियां और गोलियां की तो बात दूर , कभी एक चांटा तक नहीं खाया होगा ,सत्ता का सुख भोगने वालों के नाम एक दो नहीं 17 स्टेडियम बना दिए गए, , अगर यही मांग देश पर जान कुर्बान करने वाले वीर क्रांतिकारियों के नाम पर उठाई जाती तो , सरकारें गूंगी बहरी हो जाती , और देश के राजनेताओं के मुंह पर ताले लग जाते , और अंध भक्तों के मुंह से निकलता नाम बदलने या रखने से क्या हो जाएगा , नेताओं के नाम पर रखे जाते हैं तो किसी का मुंह। नहीं खुलता कि , सत्ता का सुख भोगने वालों के नाम पर देश में कोई चीज नहीं बनेगी और न नाम उनके नाम पर परिवर्तन होगा, इस देश में जो भी नाम , परिवर्तन हो या, रखे जाएं , क्रांतिकारियों के नाम पर रखे जाएं और जाने जाएं चाहे , खेल स्टेडियम ,कॉलेज , एयर पोर्ट , ट्रेनें, , पार्क ,रोड , आदि जो भी हों, देश में आज ज्यादा तर बड़ी बड़ी धरोहरें नेताओं के नाम से जानी जाती है। उनका ही जीवन परिचय आज की युवा पीढ़ी को बताया जाता है हर तरह से नेता को देश का हीरो के रूप में विकसित किया जाता है , और आज देश में यही कारण है कि देश में भारत मां के वीर सपूतों को गुमनाम कर दिया इनके बलिदान के इतिहास को धीरे धीरे मिटाया जा रहा है , क्योंकि अगर इनके इतिहास को नई पीढ़ी जनेगी तो नेताओं से सवाल करेगी , और उसके बारे में जानेगी अगर देश में उसके नाम से कोई चीज बनेगी तो तो देश का युवा जानेगा इसका योगदान देश के लिए क्या है , क्या कुर्बानी दी है , नहीं ,तो वह विरोध में आएगा , क्योंकि इतिहास गवा है देश की आजादी में कोई नेता फांसी पर नहीं लटका, इस लिए यह नमक हराम किसी क्रांतिकारी वीर को नहीं चाहते , यही कारण है क्रांतिकारियों के नाम पर जो भी मांग उठाई होगी , वह सरकारें कचरे के डब्बे में डाल देती है , अगर किसी बड़े नेता जो पूर्व प्रधान मंत्री , राष्ट्रपति ,उपराष्ट्रपति मुख्यमंत्री , राज्यपाल , आदि के नाम पर उठाई जाती है तो चंद दिनों में मान ली जाती है , और उसके नाम के लिए देश के लाखों जयचंद उसके समर्थन में आ खड़े होते है , और जिन वीर सपूतों ने अपनी जांन की बाजी लगा कर गुलामी से मुक्त कराया , उनकी मांग के समर्थन में कोई नमक हराम नहीं आता , नेताओं की रैलियों में जिंदाबाद , मुर्दाबाद करने को आज देश के 80% लोगो के पास समय है
क्रांतिकारियों के सम्मान के लिए 6 वर्ष से निरंतर इनके सम्मान में क्रांतिकारी संगठन आप और हम राष्ट्रीय भ्रष्टाचार अपराध मुक्ति संगठन आवाज उठा रहा है और अनेक क्रांतिकारियों के नाम पर भारत सरकार और प्रदेश सरकार से मांग की जा रही है , मगर अफसोस आज तक कोई सुनवाई नहीं , क्योंकि इनके समर्थन में देश की जनता नहीं , देश की जनता भी इनके बलिदानों के एहसानों को भूल चुकी है नमक हराम हो चुकी है , वह नेता की मांग का समर्थन कर सकते है मगर भारत माता को आजाद कराने वाले वीर सपूतों का मांग का समर्थन नहीं
उठो , जागो , समझो , सोचो और संभालो
आज हम खुली सांसे जो ले रहे है , वह इन वीर क्रांतिकारियों की ही दैन है , ना कि जिंदाबाद , मुर्दाबाद के नारे लगाने वाले उन।नेताओं की जिनके पीछे आप भाग रहे हो ,
कहते है मालिक की एक रोटी कुत्ता खाता है ,तो वक्त आने पर वह भी उसकी कीमत फर्ज के रूप में अदा करता हैं , जिन वीरों ने जीवन भर की आज़ादी हमको दे दी , यारो क्या हम इंसान होकर उन वीरों के कर्ज को अदा नहीं कर सकते
इन्कलाब जिंदाबाद क्रांतिकारी वीर अमर रहें 27 फरवरी देश की आजादी के योद्धा महान क्रांतिकारी शहीद चन्द्रशेखर आजाद जी को कोटि कोटि नमन 👏👏👏👏🌹🌹🌹🌹🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🌹🤝🤝🤝🤝🤝🤝
बी एस बेदी राष्ट्रीय अध्यक्ष
क्रांतिकारी संगठन आप और हम राष्ट्रीय भ्रष्टाचार अपराध मुक्ति संगठन
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