आज 4 फरवरी 2021 को एल्पाइन कॉलेज ऑफ एजुकेशन के सभागार भवन में चोरी चोरा कांड पर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया.महाविद्यालय में कार्यक्रम आयोजक प्रोफेसर ब्रह्मानंद शर्मा ने सभागार में पहुंचने पर प्राचार्य डॉ सुनील कुमार त्यागी जी का स्वागत किया तदोपरांत विधि सरल व अन्य प्रवक्ताओं के साथ मिलकर सरस्वती पूजन किया गया और दीप प्रज्वलित किया गया.
आज से ठीक 100 वर्ष पहले यह हत्याकांड गोरखपुर में हुआ था, इस संदर्भ में आज मोहम्मद अबरार एवं एनम ने बी ए प्रथम वर्ष से विचार प्रस्तुत किए. मोहम्मद अबरार ने चोरी चोरा कांड के विषय को इंग्लिश में और एनम ने हिंदी में समझाया. कि भारत के वीर बलिदानियों ने अंग्रेजों को सबक सिखाने के लिए अपनी पुरजोर ताकत इस संघर्ष में झोंक दी
भारत का युवा कभी किसी से डरा नहीं हमेशा मर मिटने को तैयार रहा है और इसी कारण हम संघर्ष करते हुए अपने देश को आजाद कराने में सफल हो सके तथा डॉक्टर बबीता गोयल ने बताया कि किस प्रकार से महात्मा गांधी ने असहयोग आंदोलन प्रारंभ किया और उसके बाद
जलियांवाला बाग का हत्याकांड हुआ फिर चोरी चोरा का हत्याकांड हुआ इन दोनों से दुखी होकर महात्मा गांधी ने अपना असहयोग आंदोलन वापस लिया.
प्रवक्ता ब्रह्मानंद शर्मा ने विद्यार्थियों को बताया कि इस घटना में तीन नागरिकों सहित 22 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों ने महात्मा गांधी से निवेदन किया कि वह अपने असहयोग
आंदोलन को वापस लें तब महात्मा गांधी ने 12 फरवरी 1922 को राष्ट्रीय स्तर पर असहयोग आंदोलन को रोक दिया बाद में पंडित मदन मोहन मालवीय ने अभियुक्तों को बचाने के लिए मुकदमा लड़ा और जीत भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों की हुई .
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ सुनील कुमार त्यागी ने विद्यार्थियों को अपनी ऐतिहासिक घटनाओं से सीख लेने के लिए प्रेरित किया कि हमें समय-समय पर अपने इतिहास को पढ़ना चाहिए किस प्रकार की भूल हमसे हुई और किन साहसिक कार्यों को करते हम स्वतंत्र हुए उनसे हमें प्रेरणा लेते रहना चाहिए.
महाविद्यालय के प्रशासनिक अधिकारी शंकर नामदेव ने कार्यक्रम के अंत में सभी प्रवक्ताओं का एवं विद्यार्थियों का धन्यवाद किया और आने वाले समय में इसी तरह के कार्यक्रमों को आयोजित करने के लिए प्रेरित किया कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रवीण कुमार पारस बजाज हिमांशी, राहुल ठाकुर, वंदना शर्मा, आरती, शिवानी, शबनम शाइस्ता व अन्य प्रवक्ताओं का विशेष सहयोग रहा,
No comments:
Post a Comment