आज सैंट आर सी कॉन्वेन्ट स्कूल में दो दिवसीय तकनीकी विज्ञान वर्कशाप शुभारंभ हुआ, जिसमे प्रथम दिवस पर, स्वच्छ जल ही आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है इस को ध्यान में रखते हुए आज वाटर फिल्ट्रेशन यन्त्र बनाना सीखने की वर्कशाप का आयोजन किया गया। वर्कशाप में बताया गया कि विज्ञान का विकास दुनिया के लिए एक वरदान की तरह है, क्योंकि मनुष्य को दुनिया के बारे में बहुत कुछ पता चलता है। इसके अलावा विज्ञान ने उन्नति के साथ-साथ प्रौद्योगिकी का विकास विभिन्न क्षेत्रों जैसे दवा, कृषि, शिक्षा, सूचना और प्रौद्योगिकी और कई अन्य क्षेत्रों में आज विज्ञान ने क्रांति ला दी है। आज के युग में यदि हम किसी भी प्रकार के विकास के बारें में सोचते है तो उसमें विज्ञान की उपस्थिति को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। आज टैक्नोलाॅजी इस कदर बढ गई है कि मनुष्य हर प्रकार से इस पर निर्भर हो गया है आज टैक्नोलाॅजी मानव की सभ्यता के साभ-साथ निरंतर बढती जा रही है जिसका मनुष्य अपने जीवन में अध्ययन कर सकता है।
आज हमारा भारतवर्ष विश्व में वैज्ञानिक तकनीकि में अपनी श्रेष्ठता बनाये हुए है। आज के विद्यार्थी के लिए वैज्ञानिक तकनीक सबसे जरूरी है इसका विद्यार्थी के जीवन में विशेष महत्व है क्योंकि वैज्ञानिक तकनीक से ही हमारा मानविक विकास भी होता है और तकनीकि क्षेत्र के छोटी-छोटी जीत उनके जीवन में आगे बढ़ने के लिए रास्ता बनाती है। आज के बच्चे देश के आने वाले कल के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। इसलिए बच्चों के क्रियाकलापों व उन्हेे दिये जाने वाले ज्ञान पर विशेष रूप से ध्यान देना चाहिए तथा समय-समय पर तकनीकि विकास कार्यशालाओं का आयोजन किया जाना चाहिए। उक्त उद्गार स्थानीय सैंट. आर. सी. काॅन्वेंट स्कूल, शामली में आयोजित विद्यार्थियों में तकनीकी विकास वर्कशाप’’ के उद्घाटन करते हुए सैंट. आर. सी. काॅन्वेंट स्कूल, शामली डायरेक्टर भारत संगल द्वारा व्यक्त किये गए।
हरिद्वार की विज्ञान तकनीकी फाण्डेशन ऑफ इण्डिया के मैनेजर श्री सचिन, इंजी. प्रमोद. इंजी. राजकुमार, इंजी. ऋषभ. इंजी. प्रिंस, इंजी. उमा और इंजी. लगन द्वारा बच्चों को वाटर फिल्ट्रेशन यन्त्र को बनाने की विधि एवं उसके लाभों के विषय में जानकारी प्रदान करते हुए उन्हें प्रोजेक्ट तैयार करने की विधि के विषय में विस्तार पूर्वक बताया।
विज्ञान वर्कशाप में कक्षा-6 से 7 के विद्यार्थियों को जल शुद्धिकरण के विषय में जानकारी प्रदान की और सभी विद्यार्थियों को सिखाया कि फिल्ट्रेशन किस प्रकार से काम करता है और बताया कि फिल्ट्रेशन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा गंदे पानी को साफ किया जाता है। गाँव के इलाके में गन्दे पानी को किस तरह से साफ किया जाता है उसके बारे में भी बताया गया और इसमें यह भी बताया गया कि फिल्ट्रेशन किये गए पानी को हम कहाँ-कहाँ पर इस्तेमाल कर सकते है जैसे-कपड़े धोने, हाथ-धोने, पौधो को देने के लिए इत्यादि में इस तरह के पानी का इस्तेमाल किया जाता है। विज्ञान के इस प्रोजेक्ट को स्वयं तैयार कर विद्यार्थियों ने अपने अन्दर छिपी प्रतिभा का प्रदर्शन किया।
दूसरे विज्ञान प्रोजेक्ट के अन्तर्गत कक्षा-8 के विद्यार्थियों को छोटा प्लास्टिक कंटेनर एवं दो कलर के पाइप का इस्तेमाल करके मानव ह्रदय का प्रोजेक्ट बनाकर बच्चों को जानकारी प्रदान की गई किस प्रकार ह्रदय हमारे शरीर के अशुद्ध रक्त को पम्प करके उसे फेफड़ो में भेजता है और जहाँ हमारा रक्त ऑक्सीज़न ग्रहण करके पूरे शरीर में प्रवाहित करता है, मानव ह्रदय हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है। अगर हमारे शरीर का यह भाग काम करना बंद कर दे तो मनुष्य की मृत्यु हो जाती है। विद्यार्थियों ने ह्रदय का प्रोजेक्ट स्वयं बनाकर और उसके विषय में जानकरी प्राप्त करके अत्यंत रोमांच एवं प्रसन्नता का अनुभव किया।
उक्त कार्यशाला का आयोजन विद्यालय के उपप्रधानाचार्य आर. पी. एस. मलिक के दिशा निर्देशन में सम्पन्न हुआ और उन्होंने इस अवसर पर विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि विद्यार्थियों में पढ़ाई के साथ-साथ अन्य तकनीकि विकास करने के लिए समय-समय पर विज्ञान कार्यशालाओं का आयोजन विद्यालय में किया जाता है, जिससे विद्यार्थी पढ़ाई के साथ-साथ तकनीकि के क्षेत्र में भी पारंगत बने और अपने लिए एक सफल भविष्य का निर्माण करने मे अग्रसर रहे।
इस अवसर पर स्कूल डायरेक्टर भारत संगल, उपप्रधानाचार्य आर. पी. एस. मलिक, सपना चौधरी, अंजू पवाँर, अजय गोयल, अंशुल गुप्ता, अभिषेक, भावना शर्मा, मनीष मित्तल, शालिनी गर्ग, विनय नायर, विशाखा गोयल, अंशिका चौधरी, प्रतिभा सिंह, रवि हुड्डा आदि शिक्षक व सहयोगी उपस्थित रहें। प्रधानाचार्या सैंट. आर. सी. काॅन्वेंट स्कूल,शामली
@Ngo Darpan News
8010884848
7599250450
No comments:
Post a Comment