कानपुर 05 अक्टूबर। आज चाइल्डलाइन कानपुर के तत्वाधान में झक्करकटी बस स्टाप के कर्मचारियों के साथ बच्चों की सुरक्षा व चाइल्ड ट्रैफिकिंग विषयक बैठक का आयोजन किया गया जिसमें झक्करकटी बस स्टाफ के अधिकारियों में ए0आर0एम0 सहित झक्करकटी बस स्टाफ के अधिकारी उपस्थित थे जिस क्रम में कार्यक्रम में उपस्थित लोगों में बच्चों की सुरक्षा व उनकी ट्रैफिकिंग रोकने में उनकी भूमिका एवं जिम्मेदारियों के बारे मे चर्चा करते हुए झक्क्रकटी बस स्टाप में बाल हितैषी वातावरण बनाने पर जोर दिया गया। कार्यक्रम का आरम्भ चाइल्डलाइन समन्वयक प्रतीक धवन के द्वारा बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और चाइल्ड ट्रैफिकिंग को रोकने हेतु बस स्टाप की भूमिका एवं जिम्मेदारियां पर प्रकाश डालते हुए किया गया।
चाइल्डलाइन कानुपर के निदेशक कमलकान्त तिवारी ने बताया कि बस स्टाप बच्चों की ट्रैफिकिंग का एक बडा साधन होता है और चाइल्डलाइन के संज्ञान में बच्चों की ट्रैफिकिंग के मामले लगातार आते रहते है और चाइल्डलाइन होने से बच्चों की ट्रैफिकिंग रोकने के लिए 24 घण्टे चाइल्डलाइन के कार्यकर्ता सतर्क रहते हैं और इससे बच्चों की ट्रैफिकिंग के मामलों में कमी आ रही है। जो कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार का बच्चों की ट्रैफिकिंग रोकने का बेहतर प्रयास है। जिसके लिए हम सभी को एकजुट कर बच्चों की सुरक्षा व चाइल्ड ट्रैफिकिंग विषय पर कार्य करने एवं सहयोग करने की आवश्यक्ता है। तभी हम झक्करकटी बस स्टाप को बाल हितैषी बना पाएंगे।
मुख्य अतिथि ए0आर0एम0 राजेश सिंह द्वारा बताया गया कि झक्करकटी बस स्टाप पर कार्यरत प्रत्येक कर्मचारी की नैतिक जिम्मेदारी है कि बस स्टाप परिसर में आने वाले बच्चों के साथ किसी प्रकार का शोषण न हो और उन्हे त्वरित सुरक्षा व सरंक्षण प्रदान करते हुए चाइल्डलाइन की सहायता से उनको परिवार में पुर्नवासित किया जा सके। जिसके साथ ही कहा कि बच्चों की मदद के लिए हमारा स्टाफ के सभी लोग सदैव प्रयासरत रहेंगे। साथ ही उन्होने उपस्थित कर्मचारियों से अपील की कि वे बस स्टाप परिसर में आने वाले बच्चों को अपने बच्चों की तरह समझकर उनकी सुरक्षा एवं समस्या को देखते हुए मदद के लिए आगे आना चाहिए और निश्चय ही यह हमारी नैतिक जिम्मेदारी है। चाइल्डलाइन कानपुर नगर की कार्य्रकम संचालक अंजु वर्मा ने बच्चों के पुर्नवासन की प्रक्रिया के बारे में विस्तृत जानकारी दी
जिसके साथ ही कहा कि बच्चे अपनी व परिवार की विभिन्न परिस्थितयों व समस्याओं से जूझते हुए आर्थिक तंगी से परेशान, परिजनों से नाराज बच्चे बस को सरल माध्यम मानते हुए पलायन कर जाते है और बस स्टाप पर आकर विभिन्न अराजक तत्वों के सम्पर्क में आकर अपराधिक व नशे की प्रवृति में लिप्त हो जाते हैं और अपने जीवन को नरकीय बना लेते है और चाइल्डलाइन परियोजना भारत की बहुत ही महत्वपूर्ण योजना है जो कि बच्चों को परिजनों से बिछुडने और बच्चों को अपराधिक प्रवृति में लिप्त होने से रोकने में भी कारगार सिद्व हो रही है। इस अवसर पर मुख्य रूप से मुख्य अतिथि ए0आर0एम0 राजेश सिंह, एस0एस0आई0 सुशीला देवी सचान, एस0आई0 श्याम जी, बाल गोविन्द ,कर्मवीर, संतोष कुमार चाइल्डलाइन निदेशक कमल कान्त तिवारी, समन्वयक प्रतीक धवन, अमन पाण्डेय, अंजु वर्मा, नारायण दत्त त्रिपाठी, अंजना मिश्रा, सुचि मिश्रा, आलोक चन्द्र वाजपेयी, सहित 20 से अधिक बस स्टाप कर्मचारी उपस्थित रहे।
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