कार्यक्रम में ज्ञान आधार (एनजीओ) की 150 छात्राओं और उनकी माताओं ने भाग लिया। कार्यक्रम का आयोजन *माननीय जिलाधिकारी (उत्तर-पश्चिम)* के सहयोग से किया गया। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ और महिला अधिकारिता पर *नुक्कड़ नाटक और मैजिक शो* था। कार्यक्रम में कई वक्ता उपस्थित थे- श्रीमती वीनू विज (सचिव- ज्ञान आधार), करुणा आहूजा, शिप्रा मोहिंद्रू, कृतिका कौरा, ममता खन्ना, बलविंदर सिंह, परवीन कुमार और मनोज कुमार।
उन्होंने व्याख्यान दिया *महिला दिवस मनाने का क्या कारण है?* महिलाओं के खिलाफ भेदभाव को खत्म करने के लिए दुनिया भर में इस दिन को मनाया जाता है। इस दिन को इसलिए भी सेलिब्रेट किया जाता है ताकि महिलाओं के विकास पर ध्यान केंद्रित किया जा सके और उनकी उपलब्धियों पर गर्व किया जा सके। शिक्षा स्वयं एवं अन्य महिलाओं को सशक्त बनाने के सबसे महत्वपूर्ण माध्यमों में से एक है। शिक्षा, कौशल एवं आत्मविश्वास विकास की प्रक्रिया के महत्वपूर्ण अंग हैं। शिक्षा महिलाओं को चयन करने की शक्ति देती है, जिससे उनका कल्याण, स्वास्थ्य, बच्चों की शिक्षा सुनिश्चित होती है एवं सतत परिवारों का विकास होता है। साथ ही शिक्षा महिलाओं को अपने अधिकारों के प्रति जागरुक बनाती है, उनका आत्मविश्वास बढ़ाती है और उन्हें अपने अधिकार हासिल करने का अवसर देती है।
ज्ञान आधार सोसाइटी 2012 से झुग्गी बस्तियों में रहने वाली वंचित महिलाओं/लड़कियों के स्वास्थ्य और शिक्षा के लिए काम कर रही है। वे महिला एवं बाल विकास विभाग, दिल्ली सरकार के साथ अपने SAMPARC प्रोजेक्ट में काम कर रहे हैं और स्ट्रीट चिल्ड्रेन की मदद कर रहे हैं। वे सड़क पर रहने वाले बच्चों का पता लगा रहे हैं और उन्हें हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश कर रहे हैं।
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