SSIF की संस्थापक एस.स्मृति सारस्वत ने कहा इस कार्यक्रम में समाज और देश के लिए हर क्षेत्र में उत्तम कार्य करनेवाले अलग अलग राज्यों से 200 से अधिक प्रतिभावान व्यक्तियों को सम्मान पत्र देकर सम्मानित कर उनका मान और हौसला बढ़ाया ताकि यह सभी प्रतिभाशाली व्यक्ति समाज और देश की उन्नती के लिए निरंतर अच्छे प्रयास करते रहे। SSIF की पूरी टीम ने सभी सम्मानित एवं गणमान्य व्यक्तियों को हार्दिक बधाई दी। श्री सत्यइंदिरा फाउंडेशन- SSIF का उद्देश्य केवल जाती, धर्म, समाज के भेद भाव से ऊपर उठकर केवल इंसान और इंसानियत के लिए कार्य करना हैं। SSIF किसी एक विशेष धर्म, जाती, समुदाय के लिए काम नहीं करता। एस. स्मृति सारस्वत का कहना है ऐसा सोचने वालों और करने वाले इंसान जातिवाद, और अलगाव की भावना फैलाते है। क्योंकि रोटी, कपड़ा और शिक्षा सभी की प्राथमिकता है।
किसी भी असहाय, बेसहारा, गरीब को या किसी भी व्यक्ति को भूख जाती, धर्म या समाज के आधार पर नहीं लगती तो भेद भाव क्यों?
SSIF लगातर शिक्षा, महिला, बाल कल्याण, झोपड़ियों और फुटपाथ पर रहने वाले गरीब,असहाय, बेसहारा लोगों के लिए कार्यरत है। जिसका केवल एक उद्देश्य है जाती, धर्म,समाज के भेद भाव से ऊपर उठकर केवल इंसानियत के लिए कार्यरत!SSIF एक साधारण नाम नहीं है।
SSIF की संस्थापक एस. स्मृति सारस्वत की दिन- रात की मेहनत और असहाय, बेसहारा लोगों, अनाथ बच्चों के प्रति इन लोगों और इनके लिए उत्थान कि सोच रखने वाला SSIF आज बहोत मेहनत से देश विदेश तक पहुंचा है। SSIF की नीव सत्य और ईमानदारी से रखी गयी है क्योंकि यह नाम ईश्वर का दर्जा है।
एस. स्मृति सारस्वत ने कहा मैं धन्यवाद देती हूं जिनका आशिर्वाद है मुझे विशेषकर मेरे पिता- माता, मार्गदर्शक पंडित श्री महेश जी शर्मा, श्री नितिन मुनोत को धन्यवाद देती हूं मेरी बेटी का, SSIF टीम का जिसका साथ है मुझे, विशेष धन्यावाद पी.सी.खडोलिया जी को जिन्होंने इसमें काफी मेहनत की है।
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