एक ओर सरकार राष्ट्रभक्ति का पैगाम दे रही है तो वहीं दूसरी ओर उसके जनप्रतिनिधि वीरों की स्मृति धरोहरों को नजर अंदाज कर रहे हैं ,
कानपुर कलेक्ट्रेट के पास स्वतंत्रता सेनानियों के वंशज देश पर जान कुर्बान करने वाले और कारागास की सजा झेलने वाले क्रांतिकारी वीरों की एक पुरानी जर्जर इमारत में देश की यादें सजाए हुए है, क्रांतिकारी संगठन आप और हम राष्ट्रीय भ्रष्टाचार अपराध मुक्ति संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बी एस बेदी अपने प्रदेश के पदाधिकारी ,प्रभारी श्री मनोज मिश्रा , रमेश सिंहवानी प्रदेश सचिव, के साथ स्मारक के रूप में सजाई यादों को देखने पहुंचे ,
वहां की पुरानी इमारत आस पास दुकानदारों के बीच में शहीदों की प्रदर्शनी को देखा और वहां की देख भाल कर रहे सैनानियों के वंशजों से जानकारी ली तो बड़ा अफसोस हुआ की पुरानी इमारत के जीवनौद्धार के लिए सैनानियों ,के वंशजों ने जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को ना जाने कितनी बार उसके सौंदर्यकरण को लेकर अनुरोध किया सभी झूठे आश्वाशन देते आए , किसी ने दोबारा पलट कर नही देखा ,
वहां की पुरानी इमारत आस पास दुकानदारों के बीच में शहीदों की प्रदर्शनी को देखा और वहां की देख भाल कर रहे सैनानियों के वंशजों से जानकारी ली तो बड़ा अफसोस हुआ की पुरानी इमारत के जीवनौद्धार के लिए सैनानियों ,के वंशजों ने जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को ना जाने कितनी बार उसके सौंदर्यकरण को लेकर अनुरोध किया सभी झूठे आश्वाशन देते आए , किसी ने दोबारा पलट कर नही देखा ,
यह है आजाद भारत में आजाद सरकारों के जनप्रतिनिधियों का शहीदों के प्रति सम्मान
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