बेटियां फाउंडेशन ने तेजगढ़ी मेरठ के आसपास रहने वाले मलिन बस्तियों के बच्चों को एक दूसरे से दूरी बनाते हुए इकट्ठा किया।अध्यक्ष अंजुपाण्डेय ने उन्हें पढ़ाई जारी करने के तरीके बताए, कहा , कोरोना की मौजूदा स्थिति को चुनौती के रूप में स्वीकार करना होगा। हमे इन परिस्थितियों से गुलाम नही बल्कि डटकर लड़ना है, बच्चों में उर्जा अधिक होती है जो बाहर निकल कुछ कहना कुछ करना चाहती है यदि उस ऊर्जा को दबा दिया जाय तो समस्या बन जाती है। कोरोना के कारण बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे और उनके
मानसिक विकास में कमी न हो इसलिए पढ़ाई का जरिया ढूंढा। एक परिवार के पास स्मार्ट फ़ोन होने से अब सभी बच्चे वहाँ इकट्ठे होते हैं व बेटियां फाउंडेशन से होम वर्क लेते हैं और सही समय पर वीडियो कॉलिंग द्वारा बात करते हैं। तमन्ना, प्राची, सुधांशु ने सभी बच्चों को साथ लेकर पढ़ने की जिम्मेदारी उठाई। संस्था से अमिता अरोड़ा ने सब बच्चों को कॉपी व स्टेशनरी दी ताकि पढ़ाई अनवरत जारी रहे व लक्ष्मी बिंदल व कुसुम मित्तल ने साबुन पेस्ट व कपड़े दिये और कहा कि पढ़ाई के साथ कोरोना से बचाव का ध्यान रखें बार बार हाथ धोएं, मास्क लगाएं व दूरी बनाये और पढ़ने के लक्ष्य को बनाये रखें।
मानसिक विकास में कमी न हो इसलिए पढ़ाई का जरिया ढूंढा। एक परिवार के पास स्मार्ट फ़ोन होने से अब सभी बच्चे वहाँ इकट्ठे होते हैं व बेटियां फाउंडेशन से होम वर्क लेते हैं और सही समय पर वीडियो कॉलिंग द्वारा बात करते हैं। तमन्ना, प्राची, सुधांशु ने सभी बच्चों को साथ लेकर पढ़ने की जिम्मेदारी उठाई। संस्था से अमिता अरोड़ा ने सब बच्चों को कॉपी व स्टेशनरी दी ताकि पढ़ाई अनवरत जारी रहे व लक्ष्मी बिंदल व कुसुम मित्तल ने साबुन पेस्ट व कपड़े दिये और कहा कि पढ़ाई के साथ कोरोना से बचाव का ध्यान रखें बार बार हाथ धोएं, मास्क लगाएं व दूरी बनाये और पढ़ने के लक्ष्य को बनाये रखें।
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