Thursday, August 24, 2023

2 सितम्बर को बैहर जिला बनाओ संघर्ष समिति की बैठक बैहर में - ब्रम्हे ( बैहर, बिरसा, परसवाड़ा, उकवा, गढ़ी, भंडेरी, सोनगुडा , सरेखा, मलाजखंड , से पहुँचेगें )


बैहर जिला बनाओ संघर्ष समिति की बैठक 2 सितम्बर दिन शनिवार को दोपहर 12 बजे से बैहर के गोंडवाना कॉम्प्लेक्स में आयोजित की गई है इस बैठक में बैहर, बिरसा, परसवाड़ा,उकवा, भंडेरी, मोहगांव, दमोह, सालेटेकरी, सोनगुड्डा , सरेखा, गढ़ी, पाण्डुतला, कुमादेही, आदि ग्रामों से जन प्रतिनिधि , किसान , व्यापारी , गणमान्य नागरिक बैठक में उपस्तिथ रहेगें। इस सम्बंध में बैहर परसवाड़ा क्षेत्र के विधायक एवं पूर्व विधायकों से बात हो चुकी है। क्षेत्र के सारे जनप्रतिनिधियों को ग्रुप के माध्यम से सूचना दी जा चुकी है। इस सम्बंध में जानकारी देते हुवे बैहर जिला बनाओ संघर्ष समिति के संयोजक सूरज ब्रम्हे ने कहा कि 25 से 30 वर्षों से बैहर को जिला बनाने की मांग क्षेत्र वासियों के द्वारा सरकार से की जा रही है।

मध्यप्रदेश सरकार ने बैहर से भी छोटी से छोटी तहसील को जिला बनाया जा रहा है किन्तु बैहर आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र होने के कारण सरकार बैहर को जिला नही बना रही है। ऐसा लगता है कि मध्यप्रदेश सरकार की मंशा आदिवासी क्षेत्र के विकास की नही है। सरकार में बैठे लोग हमेशा बैहर को जिला बनाने का वादा कर वादा खिलाफी की जाती है। इस बार बैहर क्षेत्र वासी मिलकर सरकार से अपना हक लेने सकत्रित होना पड़ेगा । जिस दिन बैहर , बिरसा और परसवाड़ा क्षेत्र के सारे जनप्रतिनिधि, क्षेत्र की जनता दलगत राजनीति से ऊपर उठकर बैहर क्षेत्र के विकास और क्षेत्र की आने वाली पीढ़ी के उज्जवल भविष्य के बारे में सोचकर एक साथ हो जायेगें उस दिन सरकार को बैहर को जिला बनाने की घोषणा करनी पड़ेगी।

श्री ब्रम्हे ने क्षेत्र वासियों से अपील की है कि हम सब बैहर क्षेत्र के विकास और क्षेत्र की जनता के हित मे एक हो जायें। क्योंकि राजनीति तो ज़िन्दगी भर करना है। हम विधायक बन जाये, हम सांसद बन जायें हम मंत्री बन जायें लेकिन यदि हम अपने क्षेत्र के लिए एवं क्षेत्र की जनता के हित मे कोई अच्छा काम नही कर पाए तो किस काम का हमारा विधायक बनना और किस काम का हमारा सांसद बनना। क्षेत्र की जनता यदि किसी को विधायक या सांसद चुनती है तो उससे काफी उम्मीद लगा कर रखती है कि हमारा नेता हमारे क्षेत्र के विकास के लिए अच्छा काम करेगा।

बैहर 1867 की बनी तहसील है। जब बालाघाट जिला बना उस समय बालाघाट की दो तहसील बनी थी बैहर और बालाघाट।इतनी पुरानी तहसील होने के बाद भी बैहर को जिला नही बनाना आदिवासी क्षेत्र की उन्नत्ति को रोकने के बराबर है। सूरज ब्रम्हे - संयोजक, एफ.एस. कमलेश - अध्यक्ष, बैराग सिंह टेकाम - संरक्षक , मंसाराम मड़ावी-उपाध्यक्ष, साजन दास बोरकर - उपाध्यक्ष, दिलीप भगत - महामंत्री , रवि सोनी - अध्यक्ष युवा प्रकोष्ठ, मुनेश पटेल - अध्यक्ष बिरसा जोन, शंकर वल्के - अध्यक्ष गढ़ी जोन, डॉ. शिखरचंद बघेल - अध्यक्ष - परसवाड़ा जोन , मनोज सय्यैम - महामंत्री , सुनील उइके - महामंत्री , ओमप्रकाश धानेश्वर - कोषाध्यक्ष , शंकर मंडले -  अध्यक्ष भडेरी जोन , छगन पटेल - अध्यक्ष सरेखा जोन ने जानकारी देते हुवे क्षेत्र वासियों से 2 सितम्बर की बैठक में अधिक से अधिक संख्या में उपस्तिथ होने की अपील की है।

@Ngo_Darpan

8010884848

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